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Wednesday, September 9, 2020

सूझ-बूझ | Angika Kavita | Soojh-Boojh | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान | Arun Kumar Paswan

 

Angika Kavita | अंगिका कविता
सूझ-बूझ | Soojh-Boojh
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan

 
आबी रैल्हs छै चुनाव, सब पाटी लगैथौं दाँव,
मतर कि सवधान रैहs,बहुते होतै मोल-भाव।
पाँच साल रs बात छेकै, सूझ-बूझ जरूरी छै,
गलत लीडर चुनी क' भाग मँ नै लगैहs घाव!

जात-धरम के बात नै,नेता हुअ' नेता लायक!
घरs रs मुखिया रंग, सेवक रंग,बेटा,लायक!
रंगबाज,रंगदार नै,ग़लत काम रs ठेकेदार नै!
जीती क' कमाय वाला,धोखेबाज,मक्कार नै!
वोट तों होकरा दिहs,जें क्षेत्र सँ राख' लगाव!
ग़लत लीडर चुनी क' भाग मँ नै लगैहs घाव!

वोट त' अनमोल रतन, लोभs मँ  हौ बिक' नै!
वोट छेकै पवित्र-परब, गंदा हाथँ  हौ घीक' नै!
प्रतिनिधि-चुनाव रs, जनता क' छै अधिकार!
चुन' वें बिना डरले,तब' बन' होकरs सरकार!
आपनs है मूरs क' बनाय नै लीहs तों फाव!
ग़लत लीडर चुनी क' भाग मँ नै लगैहs घाव!

गाँव-टोलाँ कर' बिचार,के बनैतै सही सरकार!
घोषणा त' बहुत होथौं,वादा रs होथौं भरमार!
इमानदार,ठग बूझी क',दीहs मुहर ठीकs सँ!
बोतल,नोट देखी क', हटी नै जैहs लीकs सँ!
कैन्हो मँझधार आब' त' डूबै ल' नै दिहsनाव!
गलत लीडर चुनी क' भाग मँ नै लगैहs घाव!
                             अरुण कुमार पासवान
                               08 सितम्बर,2020 

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