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Friday, September 4, 2020

घटा में घनश्याम | Angika Kavita | Ghata Mein Ghanshyam | Ramnandan Vikal


          घटा में घनश्याम 

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रामनंदन विकल

घुमङै घनश्याम सखि घटा ओटें 

छिपि मारै मुस्कान सखि मेघे बीचें 

छोङि सकल जहान सखि ओटै-ओटे 

मिलि तङिय ईजोर सखि कोने-कोने ।


श्याम मेघ श्याम सुन्दर हे एके तरंगें

बदले रूप क्षणे क्षणें सखि हिन्ने हुन्नें 

केना धरों घनश्याम के कोने-कोने 

हिया अर्पण होलै हे ओने-पौने   ।


घटाटोप घुमङै सखि हिय  बीचें 

श्याम सुन्दर घुमै छै सखि हिय बीचें 

मेघा उमङि-घुमङि लङै संगे-संगें 

मिलि दमकै बिजुरिया  ठामे-ठामें ।

4-9-2020

10-24 -मिनट 

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