घटा में घनश्याम
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रामनंदन विकल
घुमङै घनश्याम सखि घटा ओटें
छिपि मारै मुस्कान सखि मेघे बीचें
छोङि सकल जहान सखि ओटै-ओटे
मिलि तङिय ईजोर सखि कोने-कोने ।
श्याम मेघ श्याम सुन्दर हे एके तरंगें
बदले रूप क्षणे क्षणें सखि हिन्ने हुन्नें
केना धरों घनश्याम के कोने-कोने
हिया अर्पण होलै हे ओने-पौने ।
घटाटोप घुमङै सखि हिय बीचें
श्याम सुन्दर घुमै छै सखि हिय बीचें
मेघा उमङि-घुमङि लङै संगे-संगें
मिलि दमकै बिजुरिया ठामे-ठामें ।
4-9-2020
10-24 -मिनट
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