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Wednesday, August 26, 2020

पानी घटलै | Angika Kavita | अंगिका कविता | अंजनी कुमार शर्मा Pani Ghatlai | Angika Poetry | Anjani Kumar Sharma


पानी घटलै | अंगिका कविता | अंजनी कुमार शर्मा
Pani Ghatlai | Angika Kavita | Anjani Kumar Sharma


देख घटलै,हे घटलै,पानी घटलै आय
सुनी सुनी मोन गेलै, सबके यहाँ पझाय।
 
सबके यहाँ पझाय,झोङ पङलै गरदौवा
तरबतर पानी में, कनकलै सबठो चौवा।
 
करलकै प्रकृति के साथ सभ्भे मनमानी
राहत कब देथोंन, ई बेईमान पानी।
 

पानी घटलै | अंगिका कविता | अंजनी कुमार शर्मा
Pani Ghatlai | Angika Poetry | Anjani Kumar Sharma

 

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