गाँव हमर बड़ी सुंदर छै
Gaon Hamar Badi Sundar Chhai
अंगिका कविता | निलय रंजन सिंह
Angika Kavita |Angika Poetry | Nilay Ranjan Singh
बुधुआ भैंसी चराय के सानी दै छै कुर्रा मथा पर मोटरी रखने छै चच्चा तारापुर जाय लेल छाता खोजै छै गाँव हमर थोड़को नै बदलल छै खेती यहाँ खूब हूऐ छै बोरिंग से पानी पटै छै बच्चा सब हुड़दंग करै छै गाँव हमर थोड़को नै बदलल छै नदी में इ बार पानी सुखल छै नाना से इहो बार नानी रुठल छै इहो बार नै एक ठो बिछिया मिललै गाँव हमर थोड़को नै बदलल छै स्कूल में नै मास्टर भेटै छै पप्पुआ नै मैट्रिक पास करै छै स्कूल के कोठरी में गाय बंधै छै गाँव हमर थोड़को नै बदलल छै गाँव नै हमर पिछड़ल छै प्यार में घुलल- मिलल छै लोग यहाँ के सब सफल छै गाँव सबके दिल में बसल छै जगह मिलल छै खूबे फैल रखी के दूदू ठो बैल ट्रैक्टरो के करै छै फ़ैल गाँव के नौजवान तुफैल तभियो एक ठो बात बतइहों गाँव में भले खूब विकास पहुँचै नै एकर लेकिन विश्वास बदलै प्रेम-प्यार के ठेस नै पहुँचै सफलता ते मिल जैतै बहुते पर विश्वास कहाँ पर मिलतै सीधापन के खुशबू वाला सच्चाई के फूल नै खिलतै सोचै छियै विकास के साथ तस्वीर गाँव के बदलल छै नज़र नै लगै केकरो इ गाँव के गाँव हमर अब एकदम बदलल छै
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