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Sunday, August 16, 2020

बात हमर छोड़ैं, तोहर करै छियै | Angika Kavita | अंगिका कविता | निलय रंजन सिंह | Baat Hamar Chhoden, Tohar Karai Chhiyai | Angika Poetry | Nilay Ranjan Singh

  


बात हमर छोड़ैं, तोहर करै छियै
 Baat Hamar Chhoden, Tohar Karai Chhiyai

 अंगिका कविता | निलय रंजन सिंह
Angika Kavita | Angika Poetry | Nilay Ranjan Singh


चलें बात हमर छोड़ैं तोहर करै छियै हम्में तो छियै फ़कीर दौलत कहाँ अपना घर में रखै छियै तोंय तो अपन घर में ताला जरूर लगैने होभो / ताला जरूर लगैने होबें पेशा भले छै फकीरी, पर हम्में अभियो बहुत ताला के चाबी रखै छियै कोनों दिन तफ़सील से करबै बैठी के जरूर चर्चा तोयँ बताबो दिन वक़्त तो हम्में जेब में रखै छियै गुरुर तो देने रहै भगवान हमरो बहुत पर बस दिखाय नै पड़ै तोरा ऐसन हुनर रखै छियै निकल जइयै तोरा लेल तूफानों में हम्में ऐसन ज़बर रखै छियै तोहर दोस्ती इहे लेल ऐ दोस्त अलहदा हम्में दुनिया से रखै छियै चलें बात हमर छोड़ैं तोहर करै छियै

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बात हमर छोड़ैं, तोहर करै छियै

 Baat Hamar Chhoden, Tohar Karai Chhiyai

 अंगिका कविता | निलय रंजन सिंह
 Angika Poetry | Nilay Ranjan Singh

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