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Saturday, March 21, 2020

जनता कर्फ्यू | Janta Curfew | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान | Angika Kavita | Arun Kumar Paswan

 

Angika Kavita | अंगिका कविता
जनता कर्फ्यू | Janta Curfew
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan

जनता-कर्फ्यू माने की?...हमरा सिनी सजग छी।
जेहे ज़रूरी जिम्मेदारी छै,होकरा सँ नै अलग छी।

विपत्ति में छै धीरज ज़रूरी,आरो सङ्गे सावधानी,
भीड़ो सँ बचले रहना,अखनी कहो ते बुद्धिमानी।

निकलो काँहीं तभैं,जौं हुए एकदम ज़रूरी काम,
नै ते रहो घरो में,ईश्वर-अल्लाह रो लेते रहो नाम।

रोग छिपाना भी गलत,रोगी लंग जाना भी गलत,
बिना मतलब जन्ने-तन्ने,घूमना-फिरना भी गलत।

कुछुवे दिन के बात छै,तबे गर्मी-ऋतु के साथ छै,
धीर धरी भगाबो कोरोना,ते लगन,ढोल,बरात छै।

जनतंत्र आपनो देश में,जनता यहाँ पे सरकार छै,
जनता केरो सुरक्षा खातिर सरकार पूरा तैयार छै।

भरोसो करो,दोहो भरोसो,समय के यहे पुकार छै,
सही सोचो आरो सही के मानो,देखो बेड़ा पार छै।
                                  अरुण कुमार पासवान
                                  ग्रेनो,20 मार्च,2020
 
 
 

Angika Kavita | अंगिका कविता
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अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan

 


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