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Tuesday, March 10, 2020

गीत | Geet | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान | Angika Kavita | Arun Kumar Paswan

 

Angika Kavita | अंगिका कविता
गीत | Geet
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan


फगुआ खुब्बे खेलले छेलौं गामो में,
गाँव छोड़ी ओझराय गेलौं कामो में।फगुआ...

सिरपंचमी सँ बाजै लागै छेलै ढोल,
फगुआ सुनाय छेलै बान्हि के गोल,
खाय पीबि दू घंटा खूब धमगज्जड,
रात के टोले-टोले होय छेलै गामो में। फगुआ...

एक दिन पैल्हें उड़ाय छेलै धुरखेल,
पोखरी नाही,दूपहर चोपै छेलै तेल,
राती होली गाय के सम्मत जराय के,
ओरहा भी खैलो जाय छेलै गामो में।फगुआ...

फागुन पूर्णिमा के रंग-अबीर लगाय,
मालपुओ आलू दम खाय के अघाय,
खूब उत्साह सँ दुआरी पर बोलाय के
होलाइया के खिलाय छेलै गामो में।
फगुआ खुब्बे खेलले छेलौं गामो में।
गाँव छोड़ी ओझराय गेलौं कामो में।फगुआ...
                  अरुण कुमार पासवान
                  ग्रेनो,09 मार्च,2020
 

Angika Kavita | अंगिका कविता
गीत | Geet
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan

 


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