Search Angika Kavita Sahitya

Wednesday, March 25, 2020

ढाल | Dhaal | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान | Angika Kavita | Arun Kumar Paswan

 

Angika Kavita | अंगिका कविता
ढाल | Dhaal
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan



छूहौ में आबे डर लागै छे,दोसरा के नै आपनो गाल,
जे हाथें की-की नै करलक,सेकरो उँगरी के है हाल!
 
बकत-बकत के बात छै,नावो पे गाड़ी गाड़ी पे नाव,
है बकत काटो नाम जपी के,पाछू ठोर करिहो लाल!
 
मुश्किल में धीरज जरूरी,सावधानियो ओकरे साथ,
हँसी-मजाक नै बुझिहो,सैन साजी के ऐलो छै काल!
 
नै कोय दवा,नै कोय इलाज,एक किरपा छै ईश्वर के,
बड़का-बड़का देश देखो,होय रैल्हो छै कैन्हो बेहाल!
 
हाथ धोना ते आपने हाथ में,धोते रहो साबुन लगाय,
मास्क नै मिले चिंता नै,नाको पे बान्हो साफ रूमाल!

दबा छेकै हथियार रोगो में,नै छै मतर जे कोनो दबाय,
जे परहेज बताबे डॉक्टरें ने,ओकरा बनाबो तोहें ढाल!

ईश्वर-कृपा के आस राखी के,घरो में रहो पूरा परिवार,
बीती जैतै योहो दुर्दिन,पूरा संसार होय जैतै खुशहाल!
                                        अरुण कुमार पासवान
                                        ग्रेनो,24 मार्च,2020
 

Angika Kavita | अंगिका कविता
ढाल | Dhaal
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan

 



No comments:

Post a Comment

Search Angika Kavita Sahitya

Carousel Display

अंगिकाकविता

वेब प नवीनतम व प्राचीनतम अंगिका कविता के वृहत संग्रह

A Collection of latest and oldest Angika Language Poetries , Kavita on the web




Search Angika Kavita Sahitya

संपर्क सूत्र

Name

Email *

Message *