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Monday, March 30, 2020

आनंदविहार | Anand Vihar | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान | Angika Kavita | Arun Kumar Paswan

 

Angika Kavita | अंगिका कविता
आनंदविहार | Anand Vihar
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan



सोचै छियै केकरो दोष,है मजबूरी कि कोय रोष!
बीबी-बच्चा लै के साथ,आगिन में कूदे के जोश!

एक साथ पनरह हज़ार,केना गेलै आनंदविहार?
बस मिलतै जाय बास्ते,कौने करलकै है परचार?

टीवी पर फ़ोटो देखी के,कोय बात सोचल्हो की?
कैहो परिवारो के,ख़ुदे मुश्किल में झोकल्हो की?

कहो फेरु है केना भेलै,आगिन में जे  कूदी गेलै?
बुझे पारे छो हेकरा में,ज़रूर बड़ो साज़िश छेलै!

ई छेकै राजनीति रो मार,गरीबे होते रहे शिकार।
भूखलो,बेघर भटके हौ,जबे कि पैकेज बेशुमार!

दुआ करो,भगवान करे,गरीब नै दोहरा मौत मरे,
सरकार देवदूत बनी,बेसहारा लोगो के हित करे।
                                 अरुण कुमार पासवान
                                 ग्रेनो,29 मार्च,2020
 

Angika Kavita | अंगिका कविता
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