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Friday, January 31, 2020

यहे साल जीतै ले | Yahe Saal Jeetai Le | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान | Angika Kavita | Arun Kumar Paswan

 

Angika Kavita | अंगिका कविता
यहे साल जीतै ले | Yahe Saal Jeetai Le
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan

 

एक महीना बितलो छै,एगारह अभी बाकी,
यहे साल जीतै लेे,मेहनत करो ठीक नाकी।

ठानी लेला के बाद कोन काम नै पूरा हुवे,
नद्दी पार करी जाय आरो भारी बोझो ढुवे,
जेना नद्दी के धारा के रस्ता मिली जाय छै,
होन्हैं के आंदोलन सँ सत्ता झुकी जाय छै।
तन-मन सँ लागो,कोय दाँंव नै छोड़ो बाकी,
यहे साल जीतै ले,मेहनत करो ठीक नाकी।

बस एक बात याद राखिहो आपस के मेल,
है आपनो ब्रत छेखौं, बनैहो नै हेकरा खेल,
है उत्सव है जुटान के प्रतिष्ठा ज़रूर बचैहो,
साल बितला के पैल्हें ही जयकार करबैहो,
संकलप पूरा होला तक बनिहो नै पोशाकी,
यहे साल जीतै ले,मेहनत करो ठीक नाकी।
 
                          अरुण कुमार पासवान
                            पटेलनगर,पटना सँ,
                            26जनवरी,2020।



Angika Kavita | अंगिका कविता
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अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan

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