मानसून के बारिश
अंगिका गीत | रंजना सिंह "अंगवाणी बीहट "
देखहो नी सखी! अइले रिमझिम फुहार।
मन नञ लागै छै , कतौ अँगना द्वार ।
परदेशी पियबा होलै, बचबा छै बीमार ।
गिरे छै छप्पर आरू ,बेघर होलै परिवार।।
दाना पानी खोजे छै, चुनमुनिया हमार।
पिया परदेश छै, फूटलै हमर्हो कपार।।
झूमी-झूमी दिन-राति, गाबै छै पूर्वा बयार।
महकै छै बाग-बगिया, पुष्पों स' गुलजार।।
दादुर चमकै छै ,असकल्ले जियरा डराय।
झींगुर,मेंढक गीत छेड़े छै, सुर लगाय।।
[caption id="attachment_545" align="aligncenter" width="720"] रंजना सिंह अंगवाणी बीहट[/caption]
[responsivevoice_button voice="Hindi Female" buttontext="Listen to Post"]
No comments:
Post a Comment