Angika Kavita | अंगिका कविता
कोसी-महासेतु रेल-पुल | Kosi-Mahasetu Rail-Pul
अरूण कुमार पासवान | Arun Kumar Paswan
मजदूरँ,इंजीनियरँ,ठीकेदारँ धूरा उड़ैलखौं!
मुश्किल-टैम मँ,कोशी-सेतु पूरा करलखौं!
बीस साल बाद,ई योजना भेलs छै सकार!
निर्मली सँ सरायगढ़,जा आधे घंटा मँ पार!
हड़हडाय क' रेलगाड़ी होतै फुट सुरु पार!
देर कि सबेर,बड़s काम करलकै सरकार!
कोशी रेलपुल सँ जब' जुड़लै मिथिलांचल!
आब' होथौं दोनों तरफ खुब्बे चहल-पहल!
खाली पुले नै मिललs छै,ढेरी छौं उपहार!
बारह ठो योजना सँ,चमकथौं सौंसे बिहार!
रेलसेवा बढ़लँ,खुलथौं नया-नया रोजगार!
जौं किशनगंज-पुल रंग नै भै जाय बेकार!
जैहs सर्र-सर्र दिल्ली,बम्बई,अकि नेपाल!
डेमू सँ जैहs,मिलथौं सगा रs हाल-चाल!
रेलगाड़ी सँ कि जैतै खाली लोग आरपार?
बढ़तैे खूब व्यापार,होतै मौका रs विस्तार!
अरुण कुमार पासवान
18 सितंबर,2020
No comments:
Post a Comment