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Saturday, August 22, 2020

सबके राम | Angika Kavita | अंगिका कविता | कुंदन अमिताभ । Sabke Ram | Angika Bhajan | Kundan Amitabh

 


सबके  राम | अंगिका कविता | कुंदन अमिताभ
Sabke  Ram | Angika Kavita | Angika Bhajan | Kundan Amitabh


सबके  राम
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राम नाम बिन केना बसतै

जगत हिरदय बीचें तरान 

कन-कन सगर बासौ जिनको 

खोजो नै हुनकौ हो धाम ।
                 
राम राम राम राम ।।1।। 


सर मुकुट सजै मुख उजाला

हाथ धनुष गला फूल माला

शीश नबाय सब राम गुनै

सकल देव  यहै नारायण । 

राम राम राम राम ।।2।। 


सगरे जगत मँ नै ऐसनो

कोय मर्यादा रो प्रतिमान 

राज-पाट तज वन सिधारै 

जय सियाराम, सीताराम। 

राम राम राम राम ।।3।। 


रघुकुल रीत निभैलकै जे

प्राण प वचन बढ़ैलकै जे

रघुपति राघव राजा राम

परम कृपालु दया निधान। 

राम राम राम राम ।।4।। 


हरि अनंत हरि कथा अनंता

कहै सुनाबै बहुविधि संता

अंजान सब हिनि अंतरयामी 

सब दास हिनिये बस स्वामी । 

राम राम राम राम ।।5।।
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22/8/2020
- कुंदन अमिताभ
संस्थापक संपादक, www.angika.com
CH-1/24, Kendriya Vihar, Sector-11,
Kharghar, Navi Mumbai - 410210.
Email: kundan.amitabh@angika.com
Phone : 9869478444

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