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Saturday, August 15, 2020

अंगिका कुंडलियां | Angika Kavita | Kundaliya | Angika Poetry | Anjani Kumar Sharma

अंगिका कुंडलियां | Kundaliya |

 Angika Kavita|  Angika Poetry | Anjani Kumar Sharma

सुनो पाक अंगिका में (10)-०0०-
गङबङ शासन के कोय नै करै छै पसंद।
होवै करै छै वैंठां,आपस में ही द्वंद।
आपस में ही द्वंद ,लगे लगलै अब नारा।
अधिकृत कश्मीर के भारत ही छै सहारा।
सिक्किमे नांकी ही,अंग बनतै जब पाको।
भारत ही बचैते,पाक के डुबलो साखो।

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