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Saturday, August 15, 2020

अंगिका कुंडलियां | Angika Kavita | Kundaliya | Angika Poetry | Anjani Kumar Sharma

अंगिका कुंडलियां | Kundaliya| Angika Kavita | Angika Poetry | Anjani Kumar Sharma


अंगिका में ++++
अंतिम सोमवारी पे,जुटतै लाखों भीङ।
जलाभिषेक करै लेल,बोलबम छै अधीर।
बोलबम छै अधीर,दो लाख करीब ऐत्ते।
केना न जैतै बम,जों बाबा ने बुलैतै।
बंगाली-असामी,सिक्किम आरु नेपाली।
ऐलै यहाँ घर के घर करी के सब खाली।

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