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Thursday, June 4, 2020

सही-साधी | Sahi-Sadhi | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान | Angika Kavita | Arun Kumar Paswan

 

Angika Kavita | अंगिका कविता
सही-साधी | Sahi-Sadhi
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan


जे धधाय छै हौ बुतैतै,जानै छियै,धाव,से लगैतै!
लुटेरां जत्ते लूट करे,मतर एक दिन वापस जैतै!

चेचक,हैजा,टीबी,मलेरिया,पोलियो,प्लेग,एड्स,
डेंगू,चिकनगुनिया रोग रंग,कोरोना,सेहो नरमैतै!

बहुत कुछ सही-साधी,जिनगी जियै छै आदमी,
जे भी खड़ा होतै आगू में,आदमी सँ सब सधैतै!

है बात ज़रूर छै,कि घनघोर लड़ाय ठनतै जबे,
आपनो बहुत,अनमोल-धन,ऊ लड़ाय में गमैतै!

मतर जबे उबरी ऐतै,घनघोर विपत्ति सँ आदमी,
आपनो गलती सुधारी के,वें सही रस्ता अपनैतै!

गाछ लगैतै,धरती हरियैतै,बचैतै वें नदी-तालाब!
आदमी के आदमी समझतै,गलती वें नै दोहरैतै!
                                अरुण कुमार पासवान
                                    04 जून,2020
 

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अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan

 



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