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Sunday, April 12, 2020

नै मिलथौं | Nai Milthown | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान | Angika Kavita | Arun Kumar Paswan

 

Angika Kavita | अंगिका कविता
नै मिलथौं | Nai Milthown
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan



पान-तमाकू छोड़ै रो,थू-थू सँ मुँह मोड़ै रो,
एकरा सँ अच्छा मौका,दोबारा नै मिलथौं।

बीड़ी-छुट्टी छोड़ै रो,टीबी सँ हाथ जोड़ै रो,
एकरा सँ अच्छा मौका,दोबारा नै मिलथौं।

घरे में टहलै-दौड़ै रो,तफरी सँ मुँह मोड़ै रो,
एकरा सँ अच्छा मौका,दोबारा नै मिलथौं।

घर-द्वार नीपै-बोढ़ैे रो,सब सँ हाथ जोड़ै रो,
एकरा सँ अच्छा मौका,दोबारा नै मिलथौं।

पाई-पाई जोड़ैे रो,ज़रूरत रखना थोढ़ै रो,
एकरा सँ अच्छा मौका,दोबारा नै मिलथौं।

नाको पर गमछी ओढ़ैे रो,पी-खा छोड़ै रो,
एकरा सँ अच्छा मौका,दोबारा नै मिलथौं।

खेत-बागवानी कोड़ैे रो,नेतलाली छोड़ै रो,
एकरा सँ अच्छा मौका,दोबारा नै मिलथौं।

कही देलिहौं नै मिलथौं,सुनी ले नै मिलथौं,
एकरा सँ अच्छा मौका,दोबारा नै मिलथौं।
                        अरुण कुमार पासवान
                        ग्रेनो,11 अप्रैल,2020
 

Angika Kavita | अंगिका कविता
नै मिलथौं | Nai Milthown
अरूण कुमार पासवान  | Arun Kumar Paswan

 

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