Search Angika Kavita Sahitya

Saturday, November 30, 2019

शिक्षा | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान | Shiksha | Angika Poetry | Arun Kumar Paswan

 


शिक्षा | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान
Shiksha | Angika Poetry | Arun Kumar Paswan


हवा,पानी,आगिन,माटी,
आकाश जबे मिललै,
है पाँच तत्व मिलला सँ,
अधम शरीर बनलै।

यही बास्तँ ज़रूरी होय छै आदमी के,
साँसो ले हवा,पानी,प्यास बुझाय ले,
विकास,फैलाव बास्तँ शून्य,आकाश,
आगिन-माटी,पेट के आग बुझाय ले।

है आकाश में ज़रूरी छै रौशनी,
आग,ग्रह-नक्षत्र,सुरुज-चान सँ,
सबसँ ज़रूरी लेकिन हौ रोशनी,
जे मिलै छै शिक्षा सँ,ज्ञान सँ।

यही बास्तँ समाज ने करलकै स्वीकार,
शिक्षा छेकै आदमी के मौलिक अधिकार।

शिक्षा,सबसँ पैल्हें माय-बाप,परिवार सँ,
होकरो बाद मिले समाज सँ सरकार सँ।

संविधान,सरकार ने करले छै व्यवस्था,
बिना भेद-भाव शिक्षा पाबे हरेक बच्चा।

दोषी छै हौ माय-बाप,जें 
नै देतै बच्चा के है अधिकार,
राखतै होकरा शिक्षा सँ दूर,
करतै होकरो दुनिया में अन्हार।

आबो सब मिली बीड़ा उठाबो,
सब के शिक्षा दै के आगू बढ़ाबो।

शिक्षा ही बनतै सबके जीवन के परकास,
शिक्षित,समर्थ लोगें करतै देश के विकास।

                         अरुण कुमार पासवान
                         ग्रेनो,27 नवम्बर,2019

शिक्षा | अंगिका कविता | अरूण कुमार पासवान
Shiksha | Angika Poetry | Arun Kumar Paswan

No comments:

Post a Comment

Search Angika Kavita Sahitya

Carousel Display

अंगिकाकविता

वेब प नवीनतम व प्राचीनतम अंगिका कविता के वृहत संग्रह

A Collection of latest and oldest Angika Language Poetries , Kavita on the web




Search Angika Kavita Sahitya

संपर्क सूत्र

Name

Email *

Message *