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Friday, September 6, 2019

पावस गीत | अंगिका गीत | डॉ. अमरेन्द्र | Pavas Geet | Angika Geet | Dr Amrendra

पावस गीत
अंगिका गीत | डॉ. अमरेन्द्र

पिया पावस समै।
लागै छै देवते कोय नाम्हलोॅ रहेॅ
जेन्होॅ माँतै झुमै।


जोगी की,ओझा की, भगता ई बदरा?
बांचलेॅ जाय जादू के मन्तर के पतरा
खन में सरङग, खन्है धरती जुमै
पिया पावस समै।


सतहा कहै के, अठैयां आय भेलै
बुझलेॅ छै की जे अठोंगर यें खेलै
हेनोॅ तेॅ नै घरजमैयो जमै
पिया पावस समै।


बादर रङ देखलौं नै कभियो कोय प्रेमो
लाजोॅ सें सरगद अमरेन्दर रङ नेमी
जेकरा नै तेकरा के गाले चुमै
पिया पावस समै।





[caption id="attachment_574" align="aligncenter" width="640"] Dr. Amrendra | डॉ. अमरेंद्र[/caption]


Angika Poetry -  Pavas Geet | पावस गीत

Poet - Dr. Amrendra |  डॉ. अमरेन्द्र 


 डॉ.  अमरेन्द्र केरौ एगो आरू अंगिका रचना : अंगिका गीत - पिया  पावस फुहार 


अंगिका गीत - पिया  पावस फुहार , रचना - डॉ.  अमरेन्द्र , रचना पाठ - श्रीमती माध्वी चौधरी

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