पावस गीत
अंगिका गीत | डॉ. अमरेन्द्र
पिया पावस समै।
लागै छै देवते कोय नाम्हलोॅ रहेॅ
जेन्होॅ माँतै झुमै।
जोगी की,ओझा की, भगता ई बदरा?
बांचलेॅ जाय जादू के मन्तर के पतरा
खन में सरङग, खन्है धरती जुमै
पिया पावस समै।
सतहा कहै के, अठैयां आय भेलै
बुझलेॅ छै की जे अठोंगर यें खेलै
हेनोॅ तेॅ नै घरजमैयो जमै
पिया पावस समै।
बादर रङ देखलौं नै कभियो कोय प्रेमो
लाजोॅ सें सरगद अमरेन्दर रङ नेमी
जेकरा नै तेकरा के गाले चुमै
पिया पावस समै।
[caption id="attachment_574" align="aligncenter" width="640"] Dr. Amrendra | डॉ. अमरेंद्र[/caption]
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