Angika Kavita | अंगिका कविता | Angika Geet | अंगिका गीत
एक विद्यार्थी चार टण्डेल | Ek Vidyarthi Char Tandel
by प्रकाश सेन 'प्रीतम' | Prakash Sen 'Pritam'
एक विद्यार्थी चार टण्डेल
तइयो लड़का मैट्रिक फेल ।
लड़का घुसलै परीक्षा के घर
ध्यान छै होकरो खिड़की पर
एक टा कागज बाहर अइलै
बापें करै छै तर ऊपर
हे रे मुनमा हे रे बुधना
एक्को दफिया गेलै की नाय
एक घंटा से ऊपर बितलै
एक्को चिट्ठा देल्है की नाय
बोललै बुधना हे हो काका
कि बतल्हों आज को हाल
पुलिस दरोगा सब लागलो छै
आय नाय गलतै केकरो दाल
काका बोललै की बोलै छै
उत्तर लिखलो छौ तैयार
एक दूटकिया हाथ में लैके
होय गेलै दिवारी के पार
अगल बगल देखी के काका
फुसकी बोललै ले रे मंटा
जेन्है मंटा हाथ बढ़ैलकै
काका देहो पर गिरलै डन्टा
काका भागलै धोती फाटलै
गिरलै टुटलै दहिना हाथ
संभल के उठे लागलै ते
साफ छै दोनों अगला दाँत
हाथ में हथकड़ी लागलै
फाव में लागलो छै मार
कोठरी में लड़का पकड़ैलै
दोनों कांनै जार बेजार
ठहाका दै छै देखवैया
बाप आरु बेटा दोनों जेल ।
एक विद्यार्थी चार टण्डेल
तइयो लड़का मैट्रिक फेल ।
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