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Monday, July 4, 2016

अंग जल -३१| अंगिका गजल | सुधीर कुमार प्रोग्रामर | Ang Jal-31 | Angika Gazal | Sudhir Kumar Programmar

अंग जल


गजल -३१


— सुधीर कुमार प्रोग्रामर —


झरिया केॅ बोलाबै छै यहाँ बेंग आषाढ़ी
बुतरू सेॅ लोलाबै छै यहाँ बेंग आषाढ़ी।


केना केॅ टपकतै भला खेती लेॅ जे पानी
बादल सेॅ मोलाबै छै यहाँ बेंग आषाढ़ी।


ढक-ढक करै केबाड़ी फोका कभी फूटी
मौसम सेॅेॅ खोलाबै छै यहाँ बेंग आषाढ़ी।


भरलै दरार खेत केॅ, पोखरी मेॅ संघरलै
साँपोॅ सेॅ झोलाबै छै यहाँ बेंग आषाढ़ी।


डुबकी लगाबै आर तेॅ उ पार मेॅ निकलै
पानी केॅ डोलाबै छै यहाँ बेंग आषाढ़ी।


Angika Poetry / Gazal : Ang Jal / अंग जल


Poet : Sudhir Kumar Programmar / सुधीर कुमार प्रोग्रामर


Angika Gazal Collection / अंगिका गजल संग्रह - अंग जल

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