अंग जल
गजल -२१
— सुधीर कुमार प्रोग्रामर —
बात बनाबै जानी-जानी
देह तनाबै जानी-जानी।
घाव तनीठो फुसरी नांकी
मतर कनाबै जानी-जानी।
गाँव सजाबै लेॅ मैया के
गीत सुनाबै जानी-जानी।
गाछ लगैलो छै बापोॅ केॅ
पूत भनाबै जानी-जानी।
लोग किबाड़ी तक नय आबै
कूप खनाबै जानी-जानी।
Angika Poetry / Gazal : Ang Jal / अंग जल
Poet : Sudhir Kumar Programmar / सुधीर कुमार प्रोग्रामर
Angika Gazal Collection / अंगिका गजल संग्रह - अंग जल
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