Search Angika Kavita Sahitya

Wednesday, July 26, 2023

-अंगिका दोहा-
संक्रमण लेली ढेर, जे करलकै उपाय।
लेतै सबने मिली के, वोकरा अब चबाय।।1
सोच पसरै के दिल में, गेलै आय समाय।
अतरी में रही जैतै, लूट के सब कमाय।।2
कोरोना फैलाय के, बनलै चीन महान।
शेखी बघाड़ी क फेरु, दिखवै छै अब शान।।3
बदला लेल ही भिड़लै, अमरिका औ ब्रिटेन।
टपकैते चीन सागर में लतकुच्चा फेन।।4
हरमुठ क करतै घेरी के अब पदनी ढील।
खोजला से नै मिलतै, कन्नो एक्को बील।।5
कांपै छै जे सुनी के, मोदी जी क दहाड।
उछलतै ढेर अंजनी, थकुचवैते कपाड़।।6
पाक से मिली लफंगर, करै खूब साजीश।
निपटै लेली भारतो, करै तेल मालिश।।7
आवे लेतौ बढ़ी के, तिब्बत औ कैलाश।
नै होलो छो अभी भी, तोरा कुछ आभाष।।8
ऊसके लगलौ आवे, भेनाड़ी  नेपाल।
शह मिलला पे करै छै, रोजे रोज बबाल।।9
गीदड पाक ही करतौ, तोरा अब बर्बाद।
विस्तार वादी से तों, नै होभें आबाद।।10
अंजनी कुमार शर्मा, ब्लॉक रोड सुलतानगंज, भागलपुर-813213
 मो0-7870825272

No comments:

Post a Comment

Search Angika Kavita Sahitya

Carousel Display

अंगिकाकविता

वेब प नवीनतम व प्राचीनतम अंगिका कविता के वृहत संग्रह

A Collection of latest and oldest Angika Language Poetries , Kavita on the web




Search Angika Kavita Sahitya

संपर्क सूत्र

Name

Email *

Message *