Angika Kavita | अंगिका कविता
मिलै छौं से... | Milai Chhown Se...
अरूण कुमार पासवान | Arun Kumar Paswan
पुरानs चॉर बेमारी मँ
पुरानs योजना तैयारी मँ,
पथs रs काम करै छै।
त' मिलै छौं से हथियैल' जा,
भगवानजी रs गुन गैल' जा,
'नेकी कर गंगा जी मँ डाल!'
यहो पिहानी दोहरैल जा।
शुद्ध हुअ' दहs गंगाजल,
कछार-कछार उपजाबs परबल,
सिंगापुरी केला खूब खानी रs खानी,
रमतोड़ैया,परोल हौ पारs सँ मँगैल' जा।
'जय गंगा माय!' किरिया खाय क'
कोरोना-सोरोना समसिया भुलाय क'
नया परियोजना पर धियान लगाय क'
सौगातs रs गंगा मँ डुबकी लगैल' जा।
सुशासन बाबू सुशील भै क', लै क' चिराग,
जीतs रs आसs मँ जनता सँ लगैल' छै लाग,
तेज-मोहन जी देखs जोड़ै छै कोन-कोन राग,
कौनें की कही छै,हौ बात-बिचार गोछियैल जा।
'नमामि गंगे!' तोरs महिमा अपार,
आँख खोली क' देखी रैल्हs छs बिहार,
हेतना समय सँ खूब डुबैल्ह,भँसैल्ह मैया,
कोय बहाना सँ त' करी द' आबकी उद्धार!
गंगा माय सँ,सब कोय मिली क' करs परारथना,
झूठ-साँच बुझी क' सब्भैं,सही-सही पतियैल जा।
मिलै छौं से लेल' जा,भगवानजी रs गुन गैल' जा!
अरुण कुमार पासवान
15 सितम्बर,2020
No comments:
Post a Comment