अंगिका गीत| अंगिका कविता | त्रिलोकी नाथ दिवाकर
Angika Geet | Angika Kavita | Triloki Nath Diwakar
भोर होलै उठो नींद तोड़ो पिया
लाज लागै अबे हाँथ छोड़ो पिया ।
शोर चिड़ियाँ करै देख कौआ जरै
फूल अपन्हैं तुवै मोन हमरो डरै
बात हमरो सुनो गोड़ मोड़ों पिया
लाज लागै अबे हाँथ छोड़ो पिया ।
बाल उलझै कनाँ कुछ पता नैं चलै
कान बाली फँसै नाक नथिया खलै
प्राण हमरो अबे प्राण तोरो पिया
लाज लागै अबे हाँथ छोड़ो पिया ।
छोड़ ऐलाँ सब्भे नैहरा के सखी
माय बाबू बहिन याद सबके रखी
मीत हमरो बनी प्रीत जोड़ो पिया
लाज लागै अबे हाँथ छोड़ो पिया ।
त्रिलोकी नाथ दिवाकर
भागलपुर, बिहार
अंगिका गीत| अंगिका कविता | त्रिलोकी नाथ दिवाकर
Angika Geet | AngikaPoetry | Triloki Nath Diwakar
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